LOC पर फिर पाकिस्तानी फायरिंग, 18 की मौत के बाद सन्नाटा; पूंछ में दहशत का माहौल

LOC फायरिंग खबर: 6-7 मई की रात को भारतीय सेना द्वारा आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने एलओसी पर भारी गोलीबारी शुरू कर दी। पूंछ, तंगधार और आसपास के सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्टिलरी शेलिंग की गई। 18 नागरिकों की मौत हुई, जिनमें चार बच्चे शामिल हैं। भारतीय सेना ने भी कड़ा जवाब दिया। गोलाबारी सुबह 4 बजे तक जारी रही, और अब भी छिटपुट फायरिंग की खबरें आ रही हैं।

सुरक्षित स्थानों पर शरण

सीमा के नजदीक रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। पूंछ जिले में प्रशासन ने 9 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां भोजन, ठहरने और चिकित्सा की व्यवस्था की गई है।

स्कूल और कॉलेज बंद

जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पूंछ जिलों के सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। शिरोमणि अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल ने पूंछ के गुरुद्वारे पर पाकिस्तानी गोलाबारी की निंदा की, जहां तीन सिख श्रद्धालु मारे गए। यह सीज़फायर समझौते का उल्लंघन है।

राजौरी और कुपवाड़ा में भी गोलाबारी

गोलाबारी सिर्फ पूंछ तक सीमित नहीं रही। राजौरी और कुपवाड़ा जिलों के उरी, करनाह और तंगधार सेक्टर में भी भारी फायरिंग हुई। स्थानीय लोगों ने इसे बेहद भयावह और कायरता भरा बताया।

लोगों ने छोड़े घर

रात करीब 2 बजे से गोलाबारी शुरू हुई, जिससे कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। तेज धमाकों से लोग जागे और सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। मनकोट, मेंढर, ठंडी कसी और पूंछ शहर जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों को निशाना बनाया गया।

ऐतिहासिक स्थलों को नुकसान

गोलाबारी में घर, वाहन और दुकानें क्षतिग्रस्त हुईं। पूंछ का ऐतिहासिक किला और कई प्राचीन मंदिरों को नुकसान पहुंचा। एक अधिकारी ने कहा, “निहत्थे नागरिकों को निशाना बनाना कायरता है, बहादुरी नहीं।”

क्षेत्र में डर का माहौल

पूंछ के निवासियों ने बताया कि रात बेहद भयावह थी। गोलाबारी की आवाज़ें लगातार गूंज रही थीं। मोहम्मद जाहिद नामक निवासी ने कहा कि स्थिति बिल्कुल युद्ध जैसी लग रही थी, घायल मदद के लिए चिल्ला रहे थे, और लोग जान बचाने के लिए भाग रहे थे।

परिवारों का पलायन

धकी गांव के 150 से अधिक लोग रिश्तेदारों के यहां चले गए। खुर्शीद अहमद ने कहा, “हमें इसकी उम्मीद नहीं थी, हम बच गए, ये ही बहुत है।” कुछ गोले UN केंद्र और वन विभाग की इमारत के पास भी गिरे, जिससे भारी नुकसान हुआ।

बच्चों की मौत की खबरें

मारे गए लोगों में 10 वर्षीय मोहम्मद जैन खान और 12 वर्षीय ज़ोया खान शामिल हैं। मनकोट में कलासिंह के घर पर मोर्टार शेल गिरा, जिससे उनकी पत्नी बलविंदर कौर की मौत हो गई और 13 वर्षीय बेटी घायल हुई। वन विभाग के अधिकारी मोहम्मद सादिक ने बताया कि उनके दो सहयोगी भी घायल हुए हैं।

लोग खुद सुरक्षित स्थानों की ओर भागे

मकबूल अहमद नामक नागरिक अपने परिवार को लेकर निजी वाहन से पूंछ छोड़ चुके हैं। उन्होंने कहा, “हर जगह डर है, हम कहीं सुरक्षित जगह जा रहे हैं।” नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक अजाज जान ने हालात को चिंताजनक बताया, वहीं पूर्व डीजीपी एस.पी. वैद ने भी पाकिस्तान की गोलीबारी की निंदा की।

निष्कर्ष

एलओसी पर हालात गंभीर हैं। नागरिकों की सुरक्षा के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है, लेकिन स्थिति अब भी तनावपूर्ण है। पाकिस्तान द्वारा लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन करना चिंता का विषय है। प्रशासन और सेना पूरी तरह सतर्क हैं।

FAQs

प्रश्न 1: एलओसी पर फायरिंग क्यों हो रही है?
भारत द्वारा आतंकियों के ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने जवाबी गोलीबारी शुरू की है।

प्रश्न 2: किन जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद किए गए हैं?
जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पूंछ जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं।

प्रश्न 3: कितने लोगों की मौत हुई है?
अब तक 18 नागरिकों की मौत हो चुकी है, जिनमें चार बच्चे शामिल हैं।

प्रश्न 4: क्या राहत शिविर बनाए गए हैं?
हां, पूंछ जिले में नौ राहत शिविर बनाए गए हैं जहां भोजन, दवा और ठहरने की सुविधा उपलब्ध है।

प्रश्न 5: क्या आगे भी फायरिंग की आशंका है?
जी हां, सेना ने सतर्कता बरती है और आगे भी छिटपुट फायरिंग की संभावना बनी हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button